ज़िंदगी जैसी दिखाई देती है वैसी होती नहीं
ज़िंदगी जैसी दिखाई देती है वैसी होती तो नहीं हैं ।
बहुत सी बांधाओ और तकलीफों को पार करके इन्सान खुद को तरासता है।
और इसमें भागिदार होते हैं वो लोग , जो बार बार हमे निचे गिराते हैं।
लेकिन वो क्या जाने की कामयाब ज़िंदगी के पीछे पहला हक़ तो उनका ही होता है।
फिर भी , हमे उनकी बातों से तकलीफ तो होती ही है,,,
क्यूंकि उनमे अपने ही तो शामिल होते हैं।
लेकिन मंज़िल पाना है बातों को सुनकर आगे बढ़ना होता है।
क्यूंकि जब हम कामयाब होते हैं तो पहला सज़दा उन अपनों का ही तो होता है।
ज़िंदगी बहुत हसींन है दोस्तों,
प्यार से जियोगे तो आसान होगी और नफरत से जियोगे तो जीना मुश्किल हो जाता है।