ओरिजिनल मोटिवेशन
हम खुद को मोटीवेट करने के लिए कितने सारे वीडियोस देखते हैं, और कितनी स्पीच सुनते हैं।ये सब देखकर और सुनकर हम तुरंत मोटीवेट भी हो जाते हैं अंदर एक आग लग जाती है लगता है अब हम वो सब कर लेंगे जो सोचते हैं जो चाहते हैं लेकिन क्या होता है कुछ दिन या कुछ घंटो में ही कोई न कोई हमारे कॉन्फिडेंस को तोड़ देता है और हम डिमोटिवेट हो जाते हैं ,, तो फिर इतना टाइम ख़राब करने से क्या फायदा हुआ... कुछ नहीं ?
तो क्या करें,,, ? पहले तो खुद को पहचानें कि हम क्या कर सकते हैं हमारा इंटरेस्ट किस काम में है,, और जब इंटरेस्ट का काम करने लग जाओ और उसमे सक्सेस मिलती रहे तो हमें कोई डिमोटिवेट नहीं कर सकता। क्यूंकि जितने अच्छे हम खुद को मोटीवेट करते हैं उतने अच्छे से हमें कोई मोटीवेट नहीं कर सकता और वो भी हमेशा के लिए।
वो कहते हैं न .........कि
खुद कर बुलंद इतना कि,,,,,
खुदा बन्दे से खुद आकर पूछे की बता तेरी रज़ा क्या है.... ???
तो जिस काम में मन लगे वो कीजिये दुनिया को भूल जाइये क्यूंकि आप सब तो जानते ही हैं कि.....
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
बेकार की इन बातों में कहीं बीत न जाये रैना।
हम खुद को मोटीवेट करने के लिए कितने सारे वीडियोस देखते हैं, और कितनी स्पीच सुनते हैं।ये सब देखकर और सुनकर हम तुरंत मोटीवेट भी हो जाते हैं अंदर एक आग लग जाती है लगता है अब हम वो सब कर लेंगे जो सोचते हैं जो चाहते हैं लेकिन क्या होता है कुछ दिन या कुछ घंटो में ही कोई न कोई हमारे कॉन्फिडेंस को तोड़ देता है और हम डिमोटिवेट हो जाते हैं ,, तो फिर इतना टाइम ख़राब करने से क्या फायदा हुआ... कुछ नहीं ?
तो क्या करें,,, ? पहले तो खुद को पहचानें कि हम क्या कर सकते हैं हमारा इंटरेस्ट किस काम में है,, और जब इंटरेस्ट का काम करने लग जाओ और उसमे सक्सेस मिलती रहे तो हमें कोई डिमोटिवेट नहीं कर सकता। क्यूंकि जितने अच्छे हम खुद को मोटीवेट करते हैं उतने अच्छे से हमें कोई मोटीवेट नहीं कर सकता और वो भी हमेशा के लिए।
वो कहते हैं न .........कि
खुद कर बुलंद इतना कि,,,,,
खुदा बन्दे से खुद आकर पूछे की बता तेरी रज़ा क्या है.... ???
तो जिस काम में मन लगे वो कीजिये दुनिया को भूल जाइये क्यूंकि आप सब तो जानते ही हैं कि.....
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
बेकार की इन बातों में कहीं बीत न जाये रैना।