Saturday, October 12, 2019

Healthy Life...

लाइफ में खुशियां कैसे आएँगी और वो भी सुख भरी ? इसके लिए क्या करना होगा या क्या हम कर सकते है कि हमारे लाइफ में जब ख़ुशी आये तो हम पुरे दिल से उसे स्वीकार करें और उसे जियें।  ये पॉसिबल तब होगा जब हमारी उस ख़ुशी से किसीको कोई तकलीफ न पहुंची हो हमारी उस ख़ुशी की वजह किसीके आँशु ना हों ऐसी ख़ुशी किसीको अच्छी नहीं लगनी चाइये।  अभी कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर में एक आर्टिकल आया था कि कोशिश कीजिये कि इस वीक हमारे आसपास कोई भुखा न रहे।  मतलब जो खाना  हम लोग बर्बाद करते हैं उसी खाने के लिए लोग तरस जाते है।  हम उन लोगो की हेल्प कर सकते हैं जिनको एक वक्त का  खाना भी नशीब नहीं होता।  तो कहा ढूंढे ऐसे लोगो को....... ? आपको तलाश करने की जरुरत नहीं है आप एक काम कीजिये जब भी सवेरे आप घर से निकले अपने काम के लिए, तो साथ में अलग से दो रोटियां या चावल सब्जी कुछ भी जो पॉसिबल हो वो रख ले और रास्ते में आपको जो भूखा नजर आये उसे दे दीजिये। वो आपको दिल से धन्यवाद करेगा और आपको अंदर से शुकुन मिलेगा।  और इस काम को आप रेगुलर आदत में लाइए।  देने में जो सुख है न वो लाजवाब हैदोस्तों यकीं ना आये तो आजमा के देख लीजिएगा ।  वो  दिल से दुआ देते हैं न तो लगता है जीवन सफल हो गया।  तो ऐसे छोटे छोटे काम करके आपको बड़ी खुशी  मिल सकती है।  

Saturday, October 5, 2019

strangers......

My Experience.....

 एक बार की बात है मैं अपनी फ्रेंड को एग्जाम दिलाने लेकर गयी थी। उन दिनों  मैं भोपाल में थी। बारिश बहुत तेज हो यही थी ,और उसी दिन मेरे जीजाजी भी भोपाल आये थे उनसे भी मिलना था।  तो  फ्रेंड को एग्जाम सेंटर पहुंचा दी उसके बाद वहां से पैदल आ रही थी।  क्यूंकि वो कॉलेज बहुत दूर था अंदर में न तो ऑटो आती थी न कोई और साधन था।  मेरे खयाल से डेढ़ से दो किलोमीटर की दुरी होनी चाइये। कुछ दूर पैदल चलने के बाद उसी कॉलेज की फैकल्टी ने मुझे लिफ्ट दी मैं मेन रोड पहुंची और बस स्टॉप पर खड़ी थी बस का वेट कर रही थी तभी एक बाइक मेरे पास आकर रुकी कोई लड़का था।  मुझसे पूछा मैं सामने तक जा रहा हूँ चलोगी क्या ? कुछ देर सोचने के बाद मैंने हाँ कर दी और उसके साथ बैठी ,रस्ते में उससे काफी बातें हुयी।  उसने बताया कि वो भोपाल की जानी मानी कंपनी 'भेल' में जॉब करता है। काफी इंटरेस्टिंग बंदा था। उसने मुझे वहां तक छोड़ा जहाँ मेरे जीजाजी  से मिलने जाना था।  उस इन्शान का चेहरा मैंने नहीं देखा क्यूंकि उसने हेलमेट पहन रखा था. लेकिन वो मुझे हमेशा याद रहेगा।  कुछ अजनबी ऐसे होते हैं जिनको हम  जानते नहीं , पहचानते नहीं फिर भी हमेशा याद रहते हैं वो उनमे से था। ........ आज कल  की दुनियां में ऐसे अच्छे अजनबी भी होते है.......

Apne Portfolio Kaise Track Karein? (Tools & Apps to Manage Investments)

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