Thursday, October 15, 2020

नारी जीवन

 नारी जीवन 

आज फिर से मैं तन्हा हूँ ,

आज फिर से ये दिल हताश है ???

पता नहीं क्यों. . ???

शायद आज किसी ने कुछ बोला नहीं ,

इसलिए दिल उदाश है। .... 

जो मेरे अपने हैं उन्हें मेरी फिक्र है ,

जिन्हें मैं अपना मानकर आयी हूँ वो उनके अपनों में खुश हैं। 

ये अपने और बेगाने का चक्कर पता नहीं कहाँ से आया ,,

यदि आया है तो इसमें भी होगा कुछ नया। 

मेरे अपने सोचते हैं कि वो अपने घर में अपनों के साथ खुश है,

और मैं अभी तक पता लगाने में असमर्थ हूँ कि कौन बेगाने और कौन अपने खास हैं। 

नारी जीवन भी बड़ा अजीब है , 

खुश नहीं भी हो तो भी माँ पूछे तो बोलना पड़ता है  ....... 

माँ मेरा जीवन बहुत खुशहाल है...... 


 

Great Motivation for Us......

 कम बोलो ज्यादा करो........ 

 ये दुनिया बहुत अजीब है बुरा करो तो भी बात बनाती है और अच्छा करो तो भी बात  बनाती है। 

इसलिए करो वही जो बात आपके मन  को भाति है। 

इन  दुनियां वालों की चिंता में अपना कीमती समय न गवाना,

क्यूंकि ये तो आपकी बुराई करने के लिए हमेशा आपके साथ ही है। 

लेकिन ये वक्त हमेशा साथ नहीं रहेगा ,

हर समय के हर पल का एक सही उपयोग कर , दुनियां को दिखा कि तू क्या है। 

तेरी औकात क्या है और तू कितनी सुपर है। 

तेरी बराबरी  यहां कोई नहीं कर सकता , 

तू अपने विचारों को सही मायने दे , अपन अंदर की आग को सहीं कामो में जला। 

क्या हुआ अगर तुझे कुछ भी परफेक्ट नहीं मिला ,तू अपनी  कोशिशों से सब कुछ परफेक्ट बना। 

क्यूंकि लोग ये याद नहीं रखेंगे कि उन्होंने क्या किया , लेकिन ये जरूर याद रखेंगे कि तूने क्या किया। 

लोगों को ये याद न दिला कि उन्होंने तेरे साथ क्या किया , खुद को इतना मजबूत बनाके साबित कर की क्या करना था और क्या किया। .. 

अपने अंदर जो गुस्सा है उसे शांत कर ,

और खुद को एक नयी दिशा दे सब कुछ भूलकर। 

कब तक रोती  रहेगी कि तेरे साथ गलत हुआ , ये वक्त निकलता जा रहा है तू  कुछ  तो अलग  कर। 

तू सब कुछ कर  सकती है क्यूंकि तेरे जितनी ताकत किसी में नहीं है।.. 



Real Life .....

 ज़िंदगी जैसी दिखाई देती है वैसी होती नहीं

 

 

 ज़िंदगी जैसी दिखाई देती है वैसी होती तो नहीं हैं ।

बहुत सी बांधाओ और  तकलीफों  को पार करके इन्सान खुद को तरासता है। 

और इसमें भागिदार होते हैं वो लोग , जो बार बार हमे निचे गिराते हैं। 

लेकिन वो क्या जाने की कामयाब ज़िंदगी के पीछे पहला हक़ तो उनका ही होता है। 

फिर भी ,   हमे उनकी  बातों से तकलीफ तो होती ही है,,,

क्यूंकि उनमे अपने ही तो शामिल  होते हैं। 

लेकिन  मंज़िल पाना है  बातों को सुनकर आगे बढ़ना होता है। 

क्यूंकि जब हम कामयाब होते हैं तो पहला सज़दा उन अपनों का ही तो होता है। 

ज़िंदगी बहुत हसींन  है दोस्तों, 

प्यार से जियोगे तो आसान होगी और नफरत से  जियोगे तो जीना मुश्किल हो जाता है।


 

 

 

 

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